मेरे पास थी एक चिड़िया
उछलती थी
कूदती थीफांदती थीउड़ते रहती थी
कभी माँ के आँचल में
कभी पिताजी के कंधे पर
कभी भाभी की साडी से
जाती थी लिपट
कभी दोस्तों के यहाँ
कभी पड़ोसियों के यहाँ
कभी चुग लेती थी
खेतों से मटर और चना //
काम /काम /काम
काम से फुर्सत नहीं था मुझे
मैंने उसे खाना नहीं दिया
ना ही पानी
उसके पंख टूट गए
वह मर गई //
जानते है
वह चिड़िया कौन थी
वह थी ....
मेरे दिल में रहनेवाली
प्रेम की चिड़िया //
उछलती थी
कूदती थीफांदती थीउड़ते रहती थी
कभी माँ के आँचल में
कभी पिताजी के कंधे पर
कभी भाभी की साडी से
जाती थी लिपट
कभी दोस्तों के यहाँ
कभी पड़ोसियों के यहाँ
कभी चुग लेती थी
खेतों से मटर और चना //
काम /काम /काम
काम से फुर्सत नहीं था मुझे
मैंने उसे खाना नहीं दिया
ना ही पानी
उसके पंख टूट गए
वह मर गई //
जानते है
वह चिड़िया कौन थी
वह थी ....
मेरे दिल में रहनेवाली
प्रेम की चिड़िया //
बबन जी प्रेम की चिड़िया को जीवित रखिये और उसका विशेष ख्याल रखिये...
ReplyDeleteबबन जी मैंने अभी आपकी बाकि कि कवितायेँ भी पढ़ी... क्या गजब के भाव हैं... आपके विचारों को नमन....
ReplyDeleteलोकेन्द्र भाई .. सार्थक टिप्पणी के लिए आपका आभार
ReplyDeleteprem ki chidiyaan ko meethe bol chahiye.... umda..
ReplyDeleteuttam rachnaa...
ReplyDeleteवो बरसे तो भी कुछ ऐसे ... तन मन मेरा भिगो गए
ReplyDeleteदिल मे नयी उम्मीदे ... कुछ सोये अरमान जागा गए
न हवाए न चाँद न बरिस की वो रात थी
न बाकी कोई ख़्वाहिश न थी उनकी चाहत
फिर भी महेरबान होकर वो बरस गए
रिम जिम आकार जीने की नयी वजह सीखाते गए
बस महेरबान आज यू ही हुये की खुशबू अपनी बिखेर गए
बहुत सुन्दर भाई साहब ......
ReplyDeleteबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति
ReplyDeletei likes it
ReplyDeleteपहली बार आपके ब्लाग पर आना हुआ ब्लाका समर्थक बन गया हूा
ReplyDeleteआप भी समर्थक बने तो खुशी होगी
मेरे द्वारा संचालित ब्लाग
मेरे द्वारा संचालित यूनिक तकनीकी ब्लाग
ReplyDeleteis prem ki chidiya.... ka dard aksar sabke sath aisa hi rahta hai... kya kare kaam se fursat jo nahi....
ReplyDeletesunder,,chidia ke madhyam se apne jo vyakt karne ki koshish ki hai wo adhbhut hai,,,
ReplyDeleteसिर्फ सेहत के सहारे कटती नहीं है ज़िन्दगी ,
ReplyDeleteपाल ले एक रोग नादाँ ज़िन्दगी के वास्ते .
फिर पाल ले एक चिड़िया ,दे चुग्गा फिर से ....दे पानी दाना दे वारदाना दे ....