Thursday, 19 April 2012

बबन पाण्डेय की गंभीर कविताएं: पेड़ और लड़की

बबन पाण्डेय की गंभीर कविताएं: पेड़ और लड़की: जैसे-जैसे बड़ा होता है पेड़ टिकने लगती हैं निगाहें मानों ...... जवान हो रही हो एक लड़की // कोई फलों को तोड़ कर मिटाता है अपनी भूख कोई करता है...

1 comment:

  1. अच्छी कविता के लिए बधाई...

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